ग्रहों की “होरा” में करने योग्य कार्य
ज्योतिष शास्त्र के प्रमुख सात ग्रहों के साथ वार निश्चित किए हुए हैं | वारों का एक निश्चित क्रम बना हुआ है | “होरा” एक समय सूचक शब्द है | 1 दिन व रात में कुल 24 होरा होती है इस प्रकार 1 घंटे की एक होरा होती है | सृष्टि के प्रारंभ में सबसे पहले सूर्य ही दिखाई दिया इसलिए सबसे प्रथम होरा सूर्य की ही मानी गई | प्रत्येक वार के सूर्योदय से 1 घंटे तक उसी ग्रह की होरा होती है | पहले संपूर्ण कार्यों की सिद्धि के लिए ज्योतिष शास्त्र में होरा मुहूर्त को पूर्ण फल दायक माना गया है | 7 ग्रह 7 वार की सात ही होरा है | जैसे कि पूर्व में बताया गया है कि संपूर्ण दिन-रात के 24 घंटों में 24 होरा होती है | अर्थात एक 1 घंटे की एक – एक होरा होती है | प्रत्येक वर्ग के कार्य शुभाशुभ आधार पर निर्धारित किए गए हैं उन्ही के अनुसार कार्य करना शुभ फल प्राप्त होता है | प्रत्येक वार के लिए करने योग्य कार्य निम्न होते हैं | इन कार्यों को उस वार विशेष को ना कर सके तो इस वार विशेष की होरा में करने से सफलता और सुविधा रहती है |
- सूर्य की होरा :- टेंडर देने, नौकरी व राज्य कार्य के चार्ज लेने देने के लिए अच्छी होती है |
- चंद्र की होरा :- सभी कार्यों के लिए अच्छी होती है |
- मंगल की होरा :-युद्ध, धूत, यात्रा, कर्ज देना, सभा सोसाइटी में जाना, विवाद मुकदमा आदि के कार्यों में उत्तम होती है|
- बुध की होरा :-विद्या (कला – काव्य )का आरंभ, कोष संग्रह, नवीन लेखन , नवीन व्यापार करना, प्रार्थना पत्र देने हेतु, पुस्तक प्रकाशन आदि अनेक कार्यों के लिए शुभ है |
- गुरु की होरा :-विवाह संबंधी कार्यक्रम, बड़ों से मिलने, कोष संग्रह, नीवन रचना लिखने, प्रकाशन आदि के लिए शुभ है |
- शुक्र की होरा :-यात्रा, भूषण, नवीन वस्त्रादि धारणा, मनोरंजन के कार्य, सौभाग्यवर्धक कार्य आदि के लिए शुभ है |
- शनि की होरा :- द्रव्य संग्रह, भूमि मकान की नींव, नूतन गृहारंभ, मशीनरी, मिल्स कार्यारंभ, समस्त स्थिर कार्यों के लिए शुभ रहती है |
ठेकेदारी का टेंडर देने का समय :- सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र की होरा में टेंडर देना लाभप्रद रहता है |
लेखक – ज्योतिर्विद्ः घनश्यामलाल स्वर्णकार| अधिक जानकारी के लिये परामर्श करें ज्योतिर्विद् घनश्यामलाल स्वर्णकार से।

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