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वास्तु : ऐसे लोगों को नहीं मिलती तरक्की और पैसा, जो कर बैठते हैं जाने-अनजाने ये 10 गलतियां

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  व्यक्ति के जीवन में पैसे और जीवन में लगातार होने वाली तरक्की का विशेष महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कई बार कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिसकी हम अनदेखी कर देते हैं लेकिन यही अनदेखी आर्थिक नुकसान और परेशानी की वजह बन जाती है। घर के भीतर पड़ी कुछ बेकार चीजें जहां नकारात्मकता फैलाती हैं तो वहीं कुछ चीजों को घर में लाने से अशुभ प्रभाव पड़ते हैं। आइए उन 10 चीजों के बारे में जानते हैं, जिनको भूलकर भी घर में नहीं रखना चाहिए। महाभारत की तस्वीर घर पर महाभारत से जुड़ी तस्वीरों का होना शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि महाभारत की तस्वीर घर में लगाने से कलह उत्पन्न होती है। इसके पीछे तर्क यह है कि महाभारत के युद्ध के पीछे घर की कलह बहुत बड़ा कारण था। हिंसक जानवर की तस्वीर घर की दीवारों पर कभी भूलकर भी किसी हिंसक या जंगली जानवर की तस्वीर न लगाएं। खासकर उन तस्वीरों को जिसमें जानवर गुस्से में हो और उसका मुंह खुला हो। दहाड़ लगाते या हमला करते जानवर की फोटो भी न लगाएं। बची हुई दवाईयां घर में कभी भी बेकार दवाईयां न रखें। मान्यता है कि बेकार पड़ी दवाईयां...

व्यापार में तरक्की के लिए अपनाए ये 8 वास्तु टिप्स

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वास्तु शास्त्र के सिद्धांत सिर्फ घर पर ही नहीं बल्कि ऑफिस और दुकान पर भी लागू होते हैं। यदि आपकी दुकान या ऑफिस में वास्तु दोष हो तो व्यापार-व्यवसाय में सफलता नहीं मिलती। किस दिशा में बैठकर आप लेन-देन आदि कार्य करते हैं, इसका प्रभाव भी व्यापार में पड़ता है। यदि आप अपने व्यापार-व्यवसाय में सफलता पाना चाहते हैं नीचे लिखी वास्तु टिप्स का उपयोग करें- 1. दुकान या शोरूम पूर्वमुखी होना शुभ, दक्षिण मुखी होना अशुभ ये केवल एक भ्रान्ति है। दुकान या शोरूम का मैन गेटदीवार के बीच में होना अच्छा होता है। 2. दुकान के अंदर बिक्री का सामान रखने के लिए सैल्फ, अलमारियां, शोकेस और कैश काउंटर उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना अच्छा माना जाता है। 3. दुकान के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में मंदिर या इष्टदेव की फोटो को लगाया जा सकता है। इसके अलावा इस हिस्से में पीने का पानी भी रखा जा सकता है। 4. वास्तु शास्त्र के मुताबिक बिजली के उपकरणों को रखने या स्विच बोर्ड लगाने के लिए दुकान का दक्षिण-पूर्व हिस्सा उचित माना जाता है। 5. दुकान के काउंटर पर खड़े विक्रेता का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर और ग्राह...

वास्तु के अनुसार भवन निर्माण

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वास्तु शास्त्र के अनुसार किया गया भवन निर्माण  सुव्यवस्थित दिशानुसार किये गये निर्माण  के ज्ञान को ही वास्तु कहते हैं। यह एक ऐसी पद्धति है जिसके सिद्धांतों को स्तंभ मानकर भवन का निर्माण किया जाता है |इसमें  दिशाओं को ध्यान में रखकर भवन निर्माण व उसका इंटीरियर डेकोरेशन  किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वास्तु के अनुसार भवन निर्माण करने पर घर-परिवार में खुशहाली आती है। कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्ति होती है और घर में समृद्धि बनी रहती है | वास्तु में दिशाओं का बड़ा महत्व है। वास्तु के अनुसार ऐसा माना जाता है कि अगर आपके घर में गलत दिशा में कोई निर्माण होगा, तो उससे आपके परिवार को किसी न किसी तरह की हानि होगी, मान-सम्मान को ठेस पहुंचेगी | वास्तु में आठ महत्वपूर्ण दिशाएँ होती हैं, भवन निर्माण करते समय जिन्हें ध्यान में रखना नितांत आवश्यक है। ये दिशाएँ पंचतत्वों की होती हैं।प्रस्तुत लेख में मेरे द्वारा वास्तु के सिद्धांतों के माध्यम से  भवन निर्माण में बनने वाले प्रमुख कक्ष जैसे – स्नानघर, पूजा घर, रसोई घर आदि किस दिशा में बनाना गृहस्वामी के लिए लाभदायक सिद्ध ह...