“राजयोग” सामान्य अर्थ में :- राजकुल में अथवा अन्य कुल में उत्पन्न व्यक्ति, राज्याधिकार अथवा शासनाधिकार या समतुल्य अधिकार व सुख का उपभोग – उपयोग करना होता है | प्राचीन काल में जो महत्त्व राजा, महाराजा, बादशाहों का हुआ करता था वही महत्त्व आज राजनीतिक नेताओं को प्राप्त है | वर्तमान में राजाओं का युग तो रहा नहीं, अतः शासन प्रणाली के परिवर्तन के स्वरूप राज योग पर विचार करते समय देश काल और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखना आवश्यक है | किसी देश, राज्य, समाज की उन्नति, प्रगति व समृद्धि राजनीतिक नेताओं की योग्यता, दूरदर्शिता व सूझबूझ पर निर्भर करती है | विद्वान, साहसी व दूरदृष्टि रखने वाले नेताओं के मार्गदर्शन में समाज तीव्र गति से उन्नति कर सुख व संपन्नता प्राप्त करता है | ध्यान रहे भ्रष्ट, चरित्रहीन, अकर्मण्य व स्वार्थ परायण नेता राज, समाज व देश को पतोन्मुखी बनाते हैं | ज्योतिष में जिन ग्रह योगों की सृष्टि से जातक को राजा, राज्याधिकार, शासनाधिकार, उच्च पद, धन व समतुल्य ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है | कतिपय विशिष्ट नाम वाले राजयोगों का उल्लेख भी ज्योतिष ...
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