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मानस के सिद्ध मंत्रों द्वारा सफलता एवं कष्ट निवारण

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तुलसीदास जी की रामायण ” रामचरित मानस एक काव्य है पर उसके विशिष्ट स्थलों की चौपाइयों, दोहों, और सोरठों को काशी विश्वनाथ के वरदान द्वारा शक्ति सम्प्पन किया गया है जो मंत्र के रूप में साधना का विषय बन सकती है |मानस के इन चौपाइयों, दोहों, और सोरठों से आपको निश्चित ही सफलता मिलेगी | प्रयोग विधि- ये प्रयोग कोई निश्चित जप संख्या के नही है अतः शुभ दिन एवं शुभ समय देखकर साधक पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुहं करके आसन बिछाकर बैठ जाये | आसन ऊन, कुश, मृगछाला अथवा रेशमी हो सकता है|हनुमानजी का चित्र अपने सामने रखे | जाप के समय घी का दीपक तथा अगरबती बराबर जलती रहनी चाहिए |१॰ चन्दन का बुरादा, २॰ तिल, ३॰ शुद्ध घी, ४॰ चीनी, ५॰ अगर, ६॰ तगर, ७॰ कपूर, ८॰ शुद्ध केसर, ९॰ नागरमोथा, १०॰ पञ्चमेवा, ११॰ जौ और १२॰ चावल। जानने की बातें- जिस उद्देश्य के लिये जो चौपाई, दोहा या सोरठा जप करना बताया गया है, उसको सिद्ध करने के लिये एक दिन हवन की सामग्री से उसके द्वारा (चौपाई, दोहा या सोरठा) १०८ बार हवन करना चाहिये। यह हवन केवल एक दिन करना है। मामूली शुद्ध मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर अग्नि रखकर उसमें आ...

मानस के सिद्ध मंत्रों द्वारा सफलता एवं कष्ट निवारण – भाग 2

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तुलसीदास जी की रामायण ” रामचरित मानस एक काव्य है पर उसके विशिष्ट स्थलों की चौपाइयों, दोहों, और सोरठों को काशी विश्वनाथ के वरदान द्वारा शक्ति सम्प्पन किया गया है जो मंत्र के रूप में साधना का विषय बन सकती है |मानस के इन चौपाइयों, दोहों, और सोरठों से आपको निश्चित ही सफलता मिलेगी | प्रयोग विधि- ये प्रयोग कोई निश्चित जप संख्या के नही है अतः शुभ दिन एवं शुभ समय देखकर साधक पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुहं करके आसन बिछाकर बैठ जाये | आसन ऊन, कुश, मृगछाला अथवा रेशमी हो सकता है|हनुमानजी का चित्र अपने सामने रखे | जाप के समय घी का दीपक तथा अगरबती बराबर जलती रहनी चाहिए |१॰ चन्दन का बुरादा, २॰ तिल, ३॰ शुद्ध घी, ४॰ चीनी, ५॰ अगर, ६॰ तगर, ७॰ कपूर, ८॰ शुद्ध केसर, ९॰ नागरमोथा, १०॰ पञ्चमेवा, ११॰ जौ और १२॰ चावल। जानने की बातें- जिस उद्देश्य के लिये जो चौपाई, दोहा या सोरठा जप करना बताया गया है, उसको सिद्ध करने के लिये एक दिन हवन की सामग्री से उसके द्वारा (चौपाई, दोहा या सोरठा) १०८ बार हवन करना चाहिये। यह हवन केवल एक दिन करना है। मामूली शुद्ध मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर अग्नि रखकर उसमें आहुति दे देनी च...

सिद्धि विनायक गणपति के मंत्र प्रयोग

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सिद्धि विनायक गणपति के मंत्र प्रयोग सिद्धि विनायक गणपति की प्राण प्रतिष्ठा कर घर में अपने पूजा स्थल में रखकर नित्य पूजा करने मात्र से घर में धन की वृद्धि होने लगती है |समस्त प्रकार के मनोवांछित भौतिक सुख साधन प्राप्त होने लगते हैं |इसके अतिरिक्त गृहस्थी की अनेक विघ्न बाधाएं दूर करने तथा अभिलाषित  प्राप्तियों के लिए सिद्धिविनायक गणपति के नीचे दिए गए मंत्रों के विधि अनुसार जाप करने से निश्चित ही साधक को अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी | इसमें कोई शंका नहीं है  | कन्या के विवाह में अनावश्य विलम्ब एवं बाधा को दूर करने हेतु उस कन्या को सिद्द्धि विनायक गणपति पर ”  ॐ हेरम्ब     गनपतयै नमः “   मंत्र के साथ दुर्वाकुर चढाते  हुवे प्रतिदिन एक माला के जप कर अंत में नमस्कार करें |  108 दिन के प्रतिदिन प्रयोग के कन्या को शीघ्र हीओग्य वर की प्राप्ति होती है | कार्य सिद्धि हेतु – गणपति की  नियमित विधि विधान से पूजा करके मोदकार्चन के साथ  ”  ॐ मोदक प्रियाय नमः  ” मंत्र के जप करने से मनोवांछित कार्यो में सिद्धि प्राप्त होती ह...

धन प्राप्ति के लिये श्री कृष्ण के आठ चमत्कारी मंत्र

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भगवान श्री कृष्ण की अपने भक्तों पर विशेष अनुंकपा होती है। वे सखा के रूप में सुदामा का उद्धार करते हैं तो अर्जुन के सारथी बन उन्हें कर्तव्य पालन की प्रेरणा भी देते हैं। वे प्रेम में राधा हो जाते हैं तो मीरा के गिरधर गोपाल बन जहर के प्यालों को अमृत कर देते हैं। उनके बचपन की शुरुआत से लेकर व्याध द्वारा शिकार होने तक उनका जीवन चमत्कारों की गाथा कहता है। वे द्रोपदी के रक्षक भी हैं