व्यापार में सफलता और प्रचुर धन लाभ के लिए वास्तु टिप्स


आज के भौतिक युग में जीवन में सफलता की पहचान इंसान की समृद्धि एवं संपन्नता से की जाती है | कोई व्यक्ति कितना समृद्ध और संपन्न है यह उसकी सफलता का मापदंड माना जा रहा है | व्यक्ति जब कर्ज लेकर या अपनी जमापूँजी द्वारा कोई व्यवसाय करता है तो इस उम्मीद में करता है की उसे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो और उसे इस युग के सम्पूर्ण सुख समृद्धि मिले | लाखों की लागत की दुकान जब ब्याज जितना भी नहीं दे पाती तो वे परेशान होने लगते हैं। वर्तनाम युग में सभी व्यक्ति वास्तु को महत्व देने लगे हैं लेकिन उसका कैसे पालन किया जाना चाहिए इसका उन्हें ध्यान कम रह पाता है। दुकानों में यदि वास्तु के नियमों का पालन किया जाए तो उससे आपको लाभ निश्चित ही प्राप्त होंगे।
आइए जानें कुछ खास बातें…
  • दुकान या मकान के मुख्य द्वार पर श्वेतार्क गणपति की प्रतिमा लगानी चाहिए |
  • दुकान के अंदर ग्राहक वशीकरण के लिए प्राण प्रतिष्ठित मंत्र चैतन्य, दुर्गा बीसा यंत्र अवश्य लगाएं |
  • दुकान में मालिक इस प्रकार बैठे कि उसका मुंह सदैव पूर्व तथा उत्तर की तरफ ही हो | इस दिशा में मुख करके बैठना धन आगमन के लिए उचित माना गया है |
  • दुकान के सामने किसी भी प्रकार का पेड़, टेलीफोन का खंबा इत्यादि नहीं होना चाहिए |
  • तिजोरी इस प्रकार रखनी चाहिए कि उसका मुख उत्तर दिशा में हो |
  • दुकान की दहलीज कभी भी टूटी-फूटी नहीं होनी चाहिए | यह धन आगमन में बाधा कारक है एवं दुकान के वास्तु के लिए शुभ नहीं माना गया है |
  • दुकान में भारी सामान जैसे अलमारी इत्यादि दक्षिण, पश्चिम दिशा में ही रखें |
  • दुकान के उत्तरी कोने को साफ रखें |
  • बिजली का सामान व उर्जा उत्पन्न होने का सामान आग्नेय दिशा में होना चाहिए |
  • उत्तर पश्चिम (वायव्य कोण) साफ़ होना चाहिए, अगर कोई सामान बेचना हो तो यहाँ रखें बहुत जल्दी बिकेगा |
  • पिने का पानी अथवा घड़ा भरकर ईशान कोण में रखें |
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    खिड़की अथवा दरवाजे अथवा इसमें लगे शीशे क्षतिग्रस्त नहीं होने चाहिए |
  •  
    उत्तर की दिवार दक्षिण की दिवार से पतली होनी चाहिए |
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    दक्षिण दिशा में कम से कम रोशनदान अथवा खिड़कियाँ हो |
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    दक्षिण एवं नैऋत्य का कोण भारी होना चाहिए |
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    चोरी एवं आग लगने जैसी घटनाओं से बचने के लिए मंत्र चैतन्य एवं प्राण प्रतिष्ठित भौम यन्त्र को पूर्व या ईशान कोण में स्थापित करें |
  •  
    अपने पूजा स्थान में एकाक्षी नारियल, दक्षिणावर्ती शंख, हत्था जोड़ी, बिल्ली की नाल, सियारसिंघी पारद शिवलिंग, काली हल्दी, अष्ठ गंध और मोर पंख रखना धनवृद्धि करता है |
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    सोमवार तथा शुक्रवार को सफ़ेद वस्त्रों का दान करने से भी लक्ष्मी की वृद्धि होती है |दरिद्र तथा असहाय व्यक्तियों की सेवा करने तथा शुभकामनाएं लेने से भी समृद्धि बढती है |

लेखक –          ज्योतिर्विद्ः घनश्यामलाल स्वर्णकार|
अधिक जानकारी के लिये परामर्श करें ज्योतिर्विद् घनश्यामलाल स्वर्णकार  से। 

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